वाक्‍य किसे कहते हैं – Vakya Kise Kahate Hain

वाक्‍य किसे कहते हैं


विषय – वाक्‍य किसे कहते हैं 

शब्‍दों के सार्थक संघात को वाक्‍य कहते हैं। अर्थात दो या दो से अधिक शब्‍दों के सार्थक संघात (मेल) को वाक्‍य कहते हैं। वाक्‍य भाषा और व्‍याकरण का सबसे बडा अंग होता है।

जैसे –

  • कृषना पढ़ रहा है।
  • गणेश सो रहा है।
  • जयदीप सो रहा है।

वाक्‍य के भेद 

वाक्‍य किसे कहते हैं

वाक्‍य के तीन भेद होते हैं।

  • अर्थ के आधार पर वाक्‍य 
  • रचना के आधार पर वाक्‍य 
  • प्रयोग के आधार पर वाक्‍य
वाक्‍य के प्रकार और उसके भेद 
अर्थ के आधार पर वाक्‍य रचना के आधार पर वाक्‍यप्रयोग के आधार पर वाक्‍य
विधिवाचक वाक्‍य सरल वाक्‍यकर्तृ वाच्‍य
निषेधात्‍मक वाक्‍यसयुक्‍त वाक्‍यकर्म वाच्‍य
प्रश्‍नवाचक वाक्‍यमिश्रत वाक्‍य भाव वाच्‍य
विश्‍मयादि बोधक वाक्‍य
संभाव्यवाची वाक्‍य
आज्ञासूचक वाक्‍य
इच्‍छासूचक वाक्‍य
संकेतवाची वाक्‍य

(A) अर्थ के आधार पर वाक्‍य

1. विधिवाचक वाक्‍य – जिस वाक्‍य में स्‍वीकारात्‍मकता का बोध हो उसे विधिवाचक वाक्‍य कहते हैं।

जैसे –

  • मैंने दूध पिया।
  • वर्षा हो रही है।
  • बच्‍चे शोरगुल मचा रहे हैं।

2. निषेधात्‍मक वाक्‍य – जिस वाक्‍य में नकारात्‍मकता का बोध हो उसे निषेधात्‍मक वाक्‍य कहते हैं।

जैसे –

  • मैंने टेलीविजन नहीं देखा।
  • तुम पत्र मत लिखो।
  • उसका गेम खेलने का मन नहीं कर रहा है।

3. प्रश्‍नवाचक वाक्‍य – जिस वाक्‍य में प्रश्‍नवाचकता का बोध हो या प्रश्‍नवाचक शब्‍द दिया हो, उसे प्रश्‍नवाचक वाक्‍य कहते हैं।

जैसे –

  • आप कहॉं से आ रहे हो?
  • आपका नाम क्‍या है?
  • क्‍या आप उसे जानते हो?

नोट – यदि किसी वाक्‍य में प्रश्‍नवाचक शब्‍द दिया हो, परन्‍तु उसमें प्रश्‍नवाचकता का भाव न हो तो वह प्रश्‍नवाचक वाक्‍य नहीं होगा।

जैसे –

  • यदि आप लोग मेरी बात मानेगें तो न जाने क्‍या बन जायेगें ।

4. आज्ञासूचक वाक्‍य – जो कथन/वाक्‍य आदेशात्‍मक हो। अर्थात जिस वाक्‍य में आदेश का भाव उत्‍पन्‍न हो, उसे आज्ञासूचक वाक्‍य कहते हैं। या हम कह सकते हैं जिस वाक्‍य में आज्ञा, उपदेश, प्रार्थना, आदि का ज्ञान हो। उसे आज्ञासूचक वाक्‍य कहेंगे।

जैसे –

  • बड़ो का सम्‍मान करो।
  • भाग जाओ।
  • सुनो, इधर आओ।

5. विस्‍मयादिबोधक वाक्‍य – जिस वाक्‍य में विस्‍मयादिबोधक शब्‍द दिया हो, या विस्‍मयादिबाेधकता का भाव हो। उसे विस्‍मयादिबोधक वाक्‍य कहते हैं। विस्‍मयादिबोधक वाक्‍यों को हम विस्‍मयादिबोधक चिन्‍ह ( ! ) Exclamation mark – को देखकर भी जान सकते हैं, यह वाक्‍य विस्‍मयादिबोधक वाक्‍य है, या नहीं है।

जैसे –

  • वाह ! क्‍या बात है।
  • अरे ! गजब हो गया।
  • हाय ! वह मर गया।

6. इच्‍छासूचक वाक्‍य जिस वाक्‍य में अपनी इच्‍छा बतायी गयी या (व्‍यक्‍त) की गयी हो, उसे इच्‍छावाचक वाक्‍य कहते हैं।

जैसे –

  • भगवान करे आप अपने कार्य में सफल हो।
  • भगवान करे आपकी नौकरी लग जाय।
  • भगवान करे आपको एक अच्‍छी दोस्‍त मिले।

7. संभाव्‍यवाची वाक्‍य – जिस वाक्‍य में किसी कार्य के होने की संभावना हो, उसे संभाव्‍यवाची वाक्‍य कहते हैं।

जैसे –

  • राम बस से घर गया होगा।
  • राधा बगीचे में आयी होगी।
  • यह उसने किया होगा।

8. संकेतवाची वाक्‍य – जहाँँ एक वाक्‍य दूसरे वाक्‍य पर निर्भर हो, उसे संकेतवाची वाक्‍य कहते हैं।

जैसे –

  • यदि आपने मुझे पत्र लिखा होता तो मैं अवश्‍य आता।
  • पिता जी के घर पहुँचते ही मैं खेलने जाऊँँगाा।

(B) रचना के आधार पर वाक्‍य

1. सरल वाक्‍य – जिस वाक्‍य में एक या एक से अधिक उद्देश्य (Subject) और एक विधेय (Predicate) हो ऐसे वाक्‍य को सरल वाक्‍य कहते हैं।

जैसे

  • मैं विद्यालय जा रहा हूँ ।
  • मैं अपने परिवार के साथ मंदिर जा रहा हूँ ।

नोट 1 – पहले वाक्‍य में – मैं शब्‍द उद्देश्य यानी कि (Subject) है, और विद्यालय जा रहा हूँ – वाक्‍य विधेय यानी कि (Predicate) है। अर्थात इस वाक्‍य में एक उद्देश्य और एक विधेय है ।

नोट 2 – ज‍बक‍ि दूसरे वाक्‍य में – मैं और अपने परिवार दो उद्देश्य (Subject) हैं। मंदिर जा रहा हूँ – वाक्‍य विधेय (Predicate) है। अर्थात इस वाक्‍य में एक से ज्‍यादा उद्देश्य और एक विधेय है।


2. सयुक्‍त वाक्‍य जिन वाक्‍यों में एक से अधिक उद्देश्य (Subject) और एक से अधिक विधेय (Predicate) होते हैं। ऐसे वाक्‍यों को सयुक्‍त वाक्‍य कहते हैं।

जैसे –

  • मैं सुबह पढ़ रहा था, और मेरा भाई सो रहा था।
  • मैंने उसे यहॉं बहुत रोकन की कोशिश की लेकिन वह अपने घर चले गया।

नोट 1 – पहले वाक्‍य में मैं और मेरा भाई दो उद्देश्य हैं। और पढ़ रहा था व सो रहा था दो विधेय हैं। 

नोट 2 – जब एक से अधिक उद्देश्य (Subject) और एक से अधिक विधेय (Predicate) हो तो ऐसे वाक्‍यों को जोड़ने के लिए संयोजन शब्‍दों का  प्रयोग किया जाता है।

जैसे – किन्‍तु, परन्‍तु, और, लेकिन, इसलिए इत्‍यादि ।


3. मिश्रित वाक्‍यजिन वाक्‍यों में एक उद्देश्य (Subject) और उससे सम्‍बन्धित कई विधेय (Predicate) हो, ऐसे वाक्‍यों को मिश्रित वाक्‍य कहते हैं।

जैसे –

  • जैसे ही बरसात हुई मोर नाचने लगे।
  • जैसे ही बिजली कड़की लोग अन्‍दर चले गये।

नोट 1 – पहले वाक्‍य में बरसात एक उद्देश्य है और इससे सम्‍बन्धित मोर नाचने लगे अर्थात एक माेर नहीं कई माेर नाचने लगे। तो यहॉं पर एक से अधिक विधेय हो गये।  

मिश्रित वाक्‍यों में – जैसे, वैसे ।


(C) प्रयोग के आधार पर वाक्‍य

1. कर्तृ वाच्‍य – जिस वाक्‍य में कर्ता प्रधान हो और वाक्‍य का भार कर्ता पर पड़ रहा हो, ऐसे वाक्‍यों को कर्तृ वाच्‍य कहते हैं। यहॉं पर प्रधानता का अर्थ है कि किसे महत्‍वा दी जा रही है।

जैसे –

  • अध्‍यापिका हिन्‍दी पढ़ा रही है ।
  • छात्र अंग्रेजी पढ़ रहे हैं।

नोट – पहले वाक्‍य में अध्‍यापिका शब्‍द कर्ता है, और पूरे वाक्‍य का भार कर्ता (अध्‍यापि‍का पर) पड़ रहा है।


2. कर्म वाच्‍य – जिस वाक्‍य में कर्म प्रधान हो और वाक्‍य का भार कर्म पर ही पड़ रहा हो, ऐसे वाक्‍यों को कर्म वाच्‍य कहते हैं। यहॉं पर इस परिभाषा में कर्म को महत्‍वा दी जा रही है। 

जैसे –

  • अध्‍यापिका व्‍दारा हिन्‍दी पढ़ाई जा रही है ।
  • छात्रों व्‍दारा अंग्रेजी पढ़ी़ जा रही है ।

नोट – पहले वाक्‍य में अध्‍यापिका शब्‍द कर्ता है और हिंंदी पढ़ा़ई जा रही है,  कर्म है। अब हमें पता है कि कर्म वाच्‍य में कर्म की प्रधानता होती है। और यहॉं पर पूरे कथन का भार कर्म (हिन्‍दी) पर पड़ रहा है ।


3. भाव वाच्‍य जिस वाक्‍य का भार क्रिया पर पड़े। और क्रिया ही वाक्‍य में मुख्‍य भूमिका निभाऍं। ऐसे वाक्‍यों को भाव वाक्‍य कहते हैं। भाव वाच्‍य में नकारात्‍मकता का बोध होता है ।

जैसे –

  • मेरे भाई से नहीं दौड़ा जाता है।
  • पिताजी से नहीं देखा जाता है ।

नोट – पहले वाक्‍य में दौड़ना एक क्रिया है और इसमें पूरे वाक्‍य का भार क्रिया (दौड़ना) पर पड़ रहा है।


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